दिल्ली शराब घोटाला में अरविंद केजरीवाल हुए गिरफ्तार

कहानी अब तक

21 मार्च को अरविंद केजरीवाल की  दिल्ली हाई कोर्ट से गिरफ्तारी रोकने की याचिका खारिज होने के बाद ईडी ने केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया । यह पहली घटना है जब किसी मुख्यमंत्री को गिरफ्तार किया गया है। दिल्ली सरकार ने गिरफ्तारी से राहत के लिए सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपनी याचिका वापस ले लिया था । उनकी यह गिरफ्तारी 2021 में आयी दिल्ली शराब घोटाले केस में की गयी है ।

 क्या है आरोप ?

ईडी ने यह आरोप लगाया है नयी शराब नीति को लागू करते वक्त कई अनियमितता की गई थी कई लोगों को अनुचित लाभ दिया गया था । इस नीति के कारण दिल्ली सरकार को 144.36 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। इस केस में मनीष सिसोदिया , संजय सिंह और के कविता को गिरफ्तारी हो चुकी है। ईडी ने नवंबर 2023 से मार्च 2024 तक अरविंद केजरीवाल को 9 समन भेजे थे। ईडी ने अरविंद केजरीवाल को मुख्य आरोपियों से जुड़े होने और पूरे घोटाले का मुख्य साजिशकर्ता बताया है । अरविंद केजरीवाल गिरफ्तारी के बाद आप के लिए मुश्किलें बढ़ गयी है।

 दिल्ली आबकारी घोटाला

17 नवंबर 2021 को दिल्ली सरकार ने नयी शराब नीति को जोर-शोर से लागू किया गया था । इसके तहत दिल्ली के शराब बिक्री में होने वाले भ्रष्टाचार को कम करना था । इसी नीति लागू होने के बाद जुलाई 2022 में एलजी वीके सक्सेना ने नीति में अनियमितता की शिकायत पर सीबीआई को जांच के आदेश दे दिये थे । जिसके तहत 15 व्यक्तियों को आरोपी बनाया गया था । पुरानी शराब नीति में कई खामियों थी जिन्हें दूर करने के लिए नयी नीति लायी गयी थी।

 पुरानी शराब नीति में कमियां

पुरानी शराब में दिल्ली में शराब बिक्री  सरकार के अधीन थी । जिसमें ग्रहाकों का अनुभव बहुत अच्छा नहीं था। शराब की कालाबजारी हो रही थी जिससे भ्रष्टाचार बढ़ रहा था । सभी दुकानदारों को शराब का बराबर बंटवारा नहीं हो पाता था। शराब दुकानें अच्छी जगह पर नहीं थी। इसके अलावा शराब मंहगी मिल रही थी जिस कारण दिल्ली के लोग अन्य राज्यों हरियाणा , यूपी ( नोएडा )से शराब लेना पसंद करते थे। इससे सरकार को राजस्व में घाटा हो रहा था। यही कारण था की अरविंद केजरीवाल नयी शराब नीति लेकर आयी थी। नयी शराब नीति से जुड़ी अनियमितता के कारण सीबीआइ  जांच शुरु होने का कारण सरकार ने 31 अगस्त 2022 में पुरानी शराब नीति लागू कर दी गयी थी।

 नयी शराब नीति के बड़े बदलाव

इसके तहत शराब की बिक्री को प्राइवेट कंपनियों को देने का प्रवाधान किया गया । इसमें दिल्ली को 32 जोन में बांटा गया जिसमें 1 जोन में 27 दुकानें हो सकती है । इससे दिल्ली में शराब की दुकानें बढ़कर 630 से 864 हो गयी थी । साथ ही शराब पीने की उम्र 25 से घटाकर 21 कर दी गयी । ड्राई डे को सालाना 21 दिन से घटाकर 3 दिन कर दिया गया । बॉर और रेस्टोरेंट का समय बढ़ाकर सुबह के 3 बजे तक कर दिया गया । इसके अलावा दुकानों लक्जरी से भरे बनाने का प्रस्ताव रखा गया था।

 क्या हुई गड़बड़ ?

2021 में नयी शराब नीति लागू होने के बाद चीफ सेकेट्री नरेश कुमार ने जुलाई 2022 में एलजी को रिपोर्ट भेजी । इसमें नयी आबकारी नीति में घोटाले करने के आरोप थे, जिसके बाद एलजी ने सीबीआई जांच की मंजूरी दे दी। इसमें यह बात सामने आयी कि लाईसेंस देते वक्त सरकार ने भारी छूट दी जो बड़े व्यवसायों को लाभवन्ति करती थी। थोक विक्रेता के मार्जिन को बढ़ा दिया गया । इसमें साउथ ग्रुप द्वारा पार्टी द्वारा दिल्ली सरकार को 100 करोड़ रूपये देने का आरोप है।इस पैसे का प्रयोग गोवा में चुनाव प्रचार में किया गया । इस कार्य में मुख्य आरोपी विजय नायर है इसकी जरिए दिल्ली सरकार और साउथ ग्रुप को आपस में जोड़ने का आरोप है । उसकी जरिए ये डील करने का आरोप है । 

 अरविंद केजरीवाल दिल्ली के 7 वें मुख्यमंत्री है ।केजरीवाल आम आदमी पार्टी के संस्थापक है । आईआईटी खड़गपुर से  इंजीनियरिंग करने के बाद वे 1993 में वह भारतीय राजस्व सेवा में शामिल हो गए।वर्ष 2011 में जन लोकपाल विधेयक लागू करने के लिए  अन्ना हजारे द्वारा किए गए आंदोलन का समर्थन किया था।उसके बाद वह भारतीय राजनीति पर पूरी तरह शामिल हो गए।

 केजरीवाल ने जेल से ही सरकार चलाने की बात कही है । हालाकिं भारतीय संविधान इस मुद्दे को स्पष्ट रूप से संबोधित नहीं करता है । इतना तय है कि अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद आम आदमी पार्टी की मुश्किलें बढ़ गयी है।

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Shivangi Pandey

Hii! I am Shivangi Pandey .I am a student of Hindi Journalism in Indian Institute of Mass Communication (New Delhi) . I have done my graduation in Physics from Delhi University