हिमालय की गोद में बसे लद्दाख में सबकुछ ठीक नहीं है । यहां प्रसिद्ध पर्यावरणविद सोनम वांगचुक पिछले 2 हफ्तों से भूख हड़ताल पर हैं… वांग्चुक सरकार से लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने सहित 4 मुख्य मांग कर रहे हैं
लद्दाख की कंपकंपा देने वाली ठंड और बरर्फीले तूफानों के बीच सोनम वांग्चुक 21 दिन के आमरण अनशन पर हैं। इसको उन्होंने क्लाइमेट फास्ट यानि जलवायु अनशन नाम दिया है। उन्होंने यह अनशन लद्दाख के नाजुक पर्यावरण को बचाने के लिए शुरू किया है। स्थानीय लोग लद्दाख के हित के लिए सोनम वांग्चुक के साथ आंदोलनरत हैं। वे सरकार से चार मुख्य मांग कर रहे है वो चार मुख्य मांग है
1. लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल किया जाए
2. दूसरी मांग है लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा
3. लेह और कारगिल को संसद में अलग-अलग सीटें दी जाए
4. लद्दाख लोक सेवा आयोग का गठन किया जाए
कौन है सोनम वांग्चुक ?
सोनम वांग्चुक जाने -माने इंजीनियर , इनोवेटर और शिक्षा सुधारवादी है । 3 इटियट्स में आमिर खान ने रैंचो का रोल अदा किया था वह सोनम वांग्चुक के जीवन से ही प्ररित था । सोनम ने लद्दाख में सिंचाई के समाधान के लिए एक कृत्रिम ग्लेशियर को तैयार किया है । इसके आलवा जनहित के लिए कई अन्य आविष्कार भी किये है ।उनके इन्हीं कार्यों के लिए 2018 में मैगसेसे पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है।
पिछले 15 दिनों से लद्दाख की खुले आसमान के नीचे अपनी रात काट रहे वांग्चुक लद्दाख के हक के लिए लड़ने को दृढ़संक्लपित हैं।
बीजेपी ने 2019 के घोषणापत्र में लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करने का वादा किया था…जो की अब तक पूरा नहीं किया गया है…सरकार के 5 साल के ढुलमुल रवैये से सोनम वांग्चुक और वहां के लोगों का सब्र का बांध टूट गया…और थक हारकर अनशन पर बैठने को मजबूर हैं
सोनम वांग्चुक ने सरकार की मंशा पर भी सवाल उठाए हैं.. और डर व्यक्त किया है कि बाहरी लोग लद्दाख की जमीनों पर कब्जा करना चाहते हैं। ऐसा ही रहा तो लद्दाख का संवेदनशील पर्यावरण खतरे की जद में आ जाएगा। वहीं दूसरी तरफ़ सोनम लद्दाख में चीन के बढ़ते घुसपैठ को लेकर भी चिंतित है।
चार मुख्य मांगों में छठी अनुसूची भी शामिल है । आइए जानते है क्या छठी अनुसूची
संविधान के अनुच्छेद 244 छठी अनुसूची के तहत स्वायत्त autonomous district council के गठन का प्रावधान करती है।इसके अंतर्गत चार राज्यों असम , मेघालय त्रिपुरा और मिजोरम के जनजातीय क्षेत्रों के लिए विशेष प्रावधान किय़े गए है । इसके तहत autonomous district council बनाए गए है। एडीसी को कुछ विधायी , प्रशासनिक और न्यायिक शक्ति प्राप्त है । जिसके तहत एडीसी कुछ खास क्षेत्रों जैसे भूमि, जंगल ,स्थानीय प्रशासन और अपने रीति रिवाज पर कानून बना सकती है ।
वर्ष 2019 में जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद इसे दो केंद्र शासित प्रदेश में बांट दिया गया जिसमें जम्मू कश्मीर के पास अपनी विधानसभा है लेकिन लद्दाख में ये व्यवस्था नहीं है । यहीं कारण है कि सोनम वांग्चुक लद्दाख को 6 अनुसूची में डालने की मांग कर रहे है। साथ ही वह लद्दाख के संवेदनशील पर्यावरण को लेकर भी उसके संरक्षण देने की बात कर रहे है।
सवाल ये उठता है कि क्या सरकार सोनम की मांग पर ध्यान देगी औऱ कुछ निर्णय होगा या फिर लद्दाख के लोगों का संघर्ष जारी रहेगा ।
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