शिवांगी पाण्डे , नई दिल्ली
37वें सुरजकुंड मेले में सहारनपुर के कारीगरों के वुडन आर्ट से बने विभिन्न समानों को पर्यटक खूब पसंद कर रहे है। इसके मालिक फैयाज अहमद को अपनी कृतियों के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है जो कि इनका पुशतैनी काम है।
मेले में सराहनपुर के स्टॉल में लगे लकड़ी की अलग – अलग कृतियँ आकर्षण का केंद्र रही। इस स्टॉल में नक्काशी किए प्लावर पॉट के अलावा रसोई के बर्तन , मसाले-आचार बॉक्स ,लालटेन , कुर्सी , स्टूल , सोफा सेट ,डिनर सेट , प्लांटर , झूले , दीवर घड़ी , आदि वुडन क्रॉफ्ट उपलब्ध है। यहाँ मौजूद कई फर्नीचरों में पीतल की नक्काशी की गयी है जो की पर्यटक को आकर्षित कर रही है।
लकड़ियों की नक्काशी का गढ़ कहे जाने वाले सारहनपुर इसी कारीगरी के लिए बहुत प्रसिद्ध है। दुकान के मालिक ने लकड़ी के बर्तन प्रयोग करने कई फायदे भी बताए है। उन्होंने कहा कि बीमारियाँ नहीं होती है। वही अलग – अलग लकड़ियों से बने उत्पाद के प्रयोग सेहत के लिए अच्छे तो है ही घरों की सजावट के लिए भी बेहतर विकल्प है। नीम की लकड़ी से बने उत्पाद में कीटाणु उत्पन्न नहीं होते है ।
साथ ही उन्होंने बताया कि कई सालों से सुरजकुंड मेले में लकड़ी के उत्पादों का स्टॉल लगा रहे है। कोविड के बाद से बिक्री मे असर पड़ा है । बताया की इस वर्ष भी बहुत अच्छी प्रतिक्रिया नहीं मिल रही है। हालांकि कुछ लोग रसोई से जुड़े समानों में अच्छी रुचि ले रहे है।
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