डिजिटल दौर में डीप फेक का बढ़ता जाल

हाल ही में रश्मिका मंदाना सहित कई अभिनेत्रियों  के डीप फेक के वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गये थे। जिसे तुरंत संज्ञान में लेकर हटा दिया गया था । डीप फेक से वायरल हुए इस वीडियो ने एक बार फिर एआइ के दुरुपयोग पर सवाल खड़े कर दिए है। इतनी बड़ी हस्तियों के डीप फेक वीडियो वायरल होना इस समस्या की गंभीरता को दिखाता है।

       आज डीप फेक की तकनीक से किसी भी  ऐसे सामग्री का बनाना बड़ा आसान हो गया है । डीप फेक के तहत किसी भी फोटो या वीडियो को आसानी से स्वैप कर दिया जाता है यानि किसी और के चेहरे को किसी और के शरीर में लागाकर प्रसतुत कर दिया जाता है। इससे बनी फोटो या वीडियो इतनी प्रमाणिक होती है की सच और झूठ में फर्क करना मुश्किल हो जाता है। आम नागरिक के लिए नकली और असली में फर्क करना और भी मुश्किल है।

    यही रश्मिका मंदाना के चेहरे के साथ किया गया । उनका चेहरा किसी और सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर के शरीर मे लगा दिया गया । जो काफी  तेजी से वायरल हो गया ।

            आइटी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर  ने इस घटना पर चिंता व्यक्त की और तुरंत कार्रवाई करने के निर्देश दिए ।  प्रधानमंत्री मोदी ने भी डीप फेक पर अपनी चिंता व्यक्त की है। कहा कि उनका भी कई डीप फेक वीडियों इंटरनेट मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे है। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय  ने 36 घंटे के अंदर सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर ऐसी सामग्रियों को हटाने के निर्देश दिए है।

       रश्मिका जो कि अभिनेत्री है उनके लिए इस तरह की घटना को रिपोर्ट करना आसान है। लेकिन किसी आम नागरिक के साथ ऐसी कोई घटना होती है तो उनके लिए सच और झूठ में फर्क करना मुश्किल होगा। ऐसे में समाज में धर्म के नाम पर हिंसा और दंगे फैले सकते है। अन्य देशों के साथ भारत के संबंध भी बिगड़ सकते है । फेक न्यूज ,साइबर क्राइम या फिर चुनावों प्रचार में दुरपयोग किया जा सकता है। आमतौर पर डीप फेक के जरिए महिलाओं को सबसे ज्यादा टारगेट किया जाता है । निजता का हनन होता है और जिसकी उन्हें बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है।

भारत में इस तरह की घटना से निपटने के लिए कोइ कानून नहीं है। सरकार फिलहाल सूचना प्रद्दयोगिकी अधिनियम (2000) के तहत केस दर्ज कर रही है। आइटी एक्ट 2021 के तहत फेक वीडीयो के प्रसार को रोका जा रहा है। किसी व्यक्ति का डीप फेक वीडीयो वायरल होता है तो आपीसी की धारा 500 के तहत मानहानि के केस दर्ज करा सकता है।        

    तेजी से होते तकनीकी विकास में डीप फेक एक बड़ी चुनौती बन गयी है। ऐसे में सरकार को सख्त कानून लाने की जरुरत है। साथ ही देशव्यापी मीडिया साक्षरता कार्यक्रम चलाने की जरुरत है जिससे आम नागरिक एआइ के दुरुपयोग के प्रति सचेत हो जाए।

           

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Shivangi Pandey

Hii! I am Shivangi Pandey .I am a student of Hindi Journalism in Indian Institute of Mass Communication (New Delhi) . I have done my graduation in Physics from Delhi University