दीपावली की खरीदारी के लिए दिल्ली के बाजारों में भीड़ बढ़ गयी है। दिल्ली के सदर बाजार में हजारों की संख्या में ग्राहक पहुँच रहे हैं। पूरे बाजार में उत्साह का महौल है।
इस बार बाजार में स्थानीय उत्पाद ज्यादा नजर आ रहे हैं । लोग चायनीज़ की जगह भारत में बने उत्पादों में अधिक रुचि ले रहे है। सदर बाजार के व्यापारियों का कहना है कि लोग स्थानीय उत्पादों को अधिक पसंद कर रहे है। दीये बनाने वाले कारीगरों का कहना है कि भारत सरकार के सहयोग से वह ज्यादा बेहतर उत्पाद बना पा रहें है। दिल्ली के सदर बाजार में इस बार हाथों से बने दीये और मूर्तियों के कई प्रकार मौजूद है। वही फूलों की माला , उपहार में दिए जाने वाले समान और अन्य सजावट के समानों में भी भारत के स्थानीय कला की झलक नजर आ रही हैं। इस वर्ष चायनीज़ लाइटों की चमक कुछ फीकी पड़ी है वजह है स्थानीय उत्पादों में उपलब्ध नई वैरायटीयां । इसका सबसे बड़ा श्रेय जाता है प्रधानमंत्री मोदी को जिन्होंने वोकल फॉर लोकल के नारे को भारत के घर-घर तक पहुँचा दिया हैं।
भारत के प्रधानमंत्री मोदी ने 106 वीं मन की बात कार्यक्रम में इस दीपावली पर लोगों से स्थानीय उत्पादों को खरीदने का आग्रह किया है । उन्होंने एक बार फिर वोकल फॉर लोकल का नारा देते हुए ज्यादा से ज्यादा डिजिटल भुगतान करने की सलाह दी है । इससे ना सिर्फ स्थानीय कारीगरों को प्रोत्साहन मिलेगा बल्कि भारत भी आत्मनिर्भर देश के रुप में मजबूत होगा ।
हाल ही में प्रधानमंत्री के आग्रह का असर भी देखने को मिला जब गांधी जयंती पर कनाट प्लेस के खादी इंडिया ने एक दिन में रिकार्ड बिक्री की । सदर बाजार के व्यापारियों को भी उम्मीद है कि प्रधानमंत्री के इस अपील से इस वर्ष भी दीपावली पर स्थानीय उत्पादों की बिक्री में उछाल आयेगा ।
वहीं दूसरी तरफ दीपावली से पहले दिल्ली में अचानक बड़े प्रदूषण ने व्यापारियों की चिंता को बढ़ा दिया है।प्रदूषण में लोग बाहर निकलने के बजाय आनलाइन खरीददारी करना पंसद कर रहें है ।दिल्ली के बाजार पूरे उत्तर भारत के कारोबार के हब है। पड़ोसी राज्य से भी ग्राहक दीपावली की खरीददारी के लिए दिल्ली के सदर बाजार , चाँदनी चौक , सरोजिनी नगर में पहुँच रहें है । लेकिन प्रदूषण के काले धुंध का असर बाजार की सेल में पड़ना तय है। अन्य राज्यों से आने वाले खरीदारों में भी कमी आने के आसार है ।
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