हाल ही में आयी ILO -IHD की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत के 83% युवा बेरोजगार है ।इस रिपोर्ट के आने के बाद विपक्ष एक बार फिर सरकार पर हमलावर है आइए जानते है विस्तार से ।
हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (आइएलओ) और मानव विकास संगठन (आइअचडी) की भारत रोजगार रिपोर्ट 2024 आयी है। इसके अनुसार भारत में 83% युवा बेरोजगार है ।इसका मतलब है कि 100 बेरोजगार में से 83 बेरोजगार युवा है। ज्यादातार शिक्षित युवा बेरोजगार है। वर्ष 2000 से 2022 तक बेरोजगारों की संख्या दोगुनी हो चुकी है। 2002 में यह बेरोजगारी दर 35.2% थी जो कि बढ़कर 2022 में 65.7% हो गयी है।
वर्ष 2000 और 2019 के बीच युवा रोजगार और अंडर एंम्पलाईमेंट में बढ़ोतरी हुई है लेकिन कोरोना के समय इसमें थोड़ी गिरावट देखी गई थी। इसके अलावा रेगुलर वर्कर्स और स्वरोजगार करने वाले लोगों की आय में भी गिरावट दर्ज की गयी है। शिक्षित महिलाओं में बेरोजगारी दर पुरुषों के मुकाबले ज्यादा है। पढ़े-लिखे होने का बावजूद 62.2% पुरुष बेरोजगार है वही महिलाओं में यह आकड़ा ज्यादा है 76.7% महिलाएं बेरोजगार है।
इस रिपोर्ट के अनुसार भारत के ओडिशा , मध्य प्रदेश , बिहार , उत्तर प्रदेश , झारखंड और छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर सबसे अधिक है। युवा बेरोजगारी दर बढ़ने के मुख्य कारण युवाओं में जरूरी कौशल की कमी होना है । वर्तमान युग डिजिटल का है लेकिन भारत के युवाओं में डिजिटल साक्षरता कौशल का आभाव है । इसमें कुछ चौकांने वाले तथ्य सामने आये है। भारत में 75% युवा अटेंचमेंट के साथ ईमेल भेजने में असमर्थ है। 90% युवा बेसिक मैथ्स के फार्मूले स्प्रेडशीट में नहीं डाल सकते है। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले आयी इस रिपोर्ट ने एक बार फिर बेरोजगारी के मुद्दे को गरमा दिया है। भारत की 27% आबादी युवा है जिसका एक बड़ा हिस्सा बेरोजगारी का समाना कर रहा है। ज्यादातर युवा सरकारी नौकरी करना चाहते है लेकिन भारत में सरकारी नौकरी उतनी नहीं है। युवाओं की बड़ी आबादी अपना कीमती समय सरकारी नौकरी की तैयारी में लगा देते है। लेकिन आए दिन पेपर लीक होने की खबर सामने आती रहती है।ऐसे में ये रिपोर्ट युवाओं में कौशल और डिजिटल साक्षरता बढ़ाने की बात कहती है जिससे की युवा रोजगार के लिए तैयार हो सके ।
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